Thursday, August 20, 2009

राजस्थानी कहावतें मुहावरे


१.दूर रा ढोल सुहाना लागे
अर्थात दूर से हर वस्तु सुंदर नजर आती है जरुरी नहीं है कि वह पास से भी सुंदर हो
२. तीतर पांखी बादली,विधवा काली रेख वा बरसे ,आ घर करे इण में मीन न मेख
अर्थात तीतर के पंख जैसे बादल बरसते हैं और विधवा श्रृंगार करे तो पुनर्विवाह करती है
३.रामदेव जी ने मिले जिका ढेड ही ढेड
अर्थात महान पुरुषों को लगातार संघर्ष करना पड़ता है
४.आंगनों पुठरो हो तो मांडनो सोहे
अर्थात सुंदर स्त्रियाँ श्रृंगार से और भी सुंदर लगती है
५.कांख में छोरो नगर में ढिंढोरो
अर्थात सुलभ वस्तु को हर जगह तलाशना

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